अंन्तरावस्था के दौरान क्रोमेटिन धागे जान के रूप में उपस्थित होते हैं इसे क्रोमेटिन जालिका कहते हैं कोशिका विभाजन के समय क्रोमेटिन कि धागों के सम्मान संरचनाएं स्वतंत्र रचनाओं के रूप में दिखाई देते हैं इन्हें गुणसूत्र कहते हैं
गुणसूत्र की खोज सटासबरजर ने 1875 में की थी
डब्ल्यू. वाल्डेयर ने इसे क्रोमोसोम नाम दिया
बेन्डेन व बावेरी के अनुसार प्रत्येक जीव में गुणसूत्रों की संख्या निश्चित होती है गुणसूत्र सदैव जोड़े में होते हैं प्रत्येक प्रकार के 2 गुणसूत्र समान होते हैं इनमें से एक माता से तथा दूसरा पिता से आता है इस प्रकार मनुष्य के 46 गुणसूत्रों मैं 23 माता से तथा 23 पिता से प्राप्त गुणसूत्र होते हैं अर्थात मनुष्य में 23 जोड़ी गुणसूत्रों की होती है गुणसूत्रों के इस अगुणित समुच्चय को जीनोम कहते हैं।
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