Stigma
यह लाल अथवा नारंगी रंग की संरचना होती है जो गतिशील एक कोशिकीय शैैैवालो चल कॉलोनियल स्वरूपों अथवा गतिमय प्रजनन कोशिकाओं मैं पाई जाति है इसके रंग के कारण ही इसे लाल नेत्र बिंदु का कहा जाता है गोल अंडाकार रेखीय अथवा बिंदु सम हो सकताा है इसकी स्थिति प्राय अग्रसथ होती है।
परंतु यह मध्य व पशच सिरे पर भी पाया जाता है इसे stigma कहते हैं हरित लवक में अथवा हरित लवक से बाहर कोशिका द्रव्य में कहीं भी पाया जा सकता है क्लैमीडोमोनास मैं हरित लवक में झिल्ली के भीतर की और लिपिड की सूक्ष्म बूंदों की दो समांतर कतारों द्वारा stigma का निर्माण होता है इन बूंदों के बीच मैं थायलेकायड का एक जुड़ा होता है तथा बाहर की और अनेक thylakoids पाये जाते हैं लिपिड बूंदो का नारंगी लाल रंग कैरोटीनायड वर्णक के कारण होता है यूग्लीना में यह कशाभिक के आधार की और पाया जाता है इसमें अनेक सूक्ष्म लिपिड बिन्दुक लवक से बाहर पाय जाते हैं जो एक जीली से गिरे रहते हैं इसे astaxanthin नमक वर्णक पाया जाता है फ्यूकस के पुमणु में stigma वर्णकी लवक मैं पाया जाता है जिसमें 50-70 वर्णकी कोष्ठ पाये जाते हैं नए दृक बिंदु की उत्पत्ति पूर्व उपस्थित दृक बिंदु के विभाजन से अथवा स्वता होती है।
दृक बिंदु को प्रकाश सवेदी माना जाता था परंतु अब यह सुनिश्चित हो चुका है कि यह प्रकाश ग्राही सर्चना नहीं होती (लेविन - 1962 ) प्रकाश सवेदी सर्च ना होती है और दृक बिंदु की सहायता से नियंत्रित होती है।
अतः दृक बिंदु एक सहायक है जो गतिशील शैवालों अथवा शैवालीय सरचनाओ के प्रकाश के अनुसार अभिविन्यास कर सकता है दृक बिंदु की अनुपस्थिति में प्रकाशानुचलनी गति का अपेक्षित प्रभाव प्रकट नहीं हो पाता है।
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